दुर्लभ बीमारी है वेस्ट सिंड्रोम, जन्म के दौरान होने का खतरा, ऐसे पहचानें लक्षण

दुर्लभ बीमारी है वेस्ट सिंड्रोम, जन्म के दौरान होने का खतरा, ऐसे पहचानें लक्षण

सेहतराग टीम

वेस्ट सिंड्रोम एक प्रकार से मिर्गी का रोग है, जो कि शरीर में ऐंठन से होता है। यह असामान्य ब्रेन तरंगे और मानसिक मंदता की वजह भी होता है। इसमें होने वाली ऐंठन किसी को झुककर अभिभवादन करने की मुद्रा में होती है, जिसमें पूरा शरीर आधा झुक जाता है, इसके साथ ही इसमें कंधों की गतिशिलता और आंखों में बदलाव भी हो सकता है। यह बीमारी डॉ डब्ल्यू वेस्ट के नाम से जानी जाती है जिन्होंने इसे पहली बार खोजा था।

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किसे होती है ये बीमारी-

यह बहुत ही दुर्लभ बीमारी है और आमतौर पर जन्म के शुरुआती महीनों में शुरू होती हैं।  यह 10000 हजार बच्चों में 6 बच्चों को प्रभावित करती है। अधिकांश शिशु को यह एक वर्ष की उम्र के पहले होता है, आमतौर यह 4 से 8 महीने के बीच होती है।

क्या होता है बीमारी में-

यह बीमारी मिर्गी के दौरे की तरह होती है, दौरे केवल कुछ सेकंड तक ही चलते हैं। लेकिन ये एक साथ आते हैं जिन्हें क्लस्टर्स कहा जाता है। एक क्लस्टर में 150 से अधिक आक्रमण हो सकते हैं और वहीं कुछ शिशुओं में एक दिन में 60 क्लस्टर्स तक हो जाते हैं। आमतौर बच्चे के 4 साल के होने के बाद यह ऐंठन रुक भी जाती है। लेकिन ज्यादतर लोग जिन्हें यह बीमारी हो चुकी होती है उन्हें बच्चे या जवान के रूप में दूसरी प्रकार की मिर्गी या दौरे की बीमारी जरूर होगी।

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वेस्ट सिंड्रोम होने के कारण-

  • किसी भी प्रकार से ब्रेन के डैमेज हो जाने से वेस्ट सिंड्रोम हो सकता है।
  • जन्म के समय दिमाग मेंगंभीर चोट का लगना।
  • ब्रेन मलफोर्मेशन (दिमाग की खराबी)।
  • मेटाबोलिक डिजीज।
  • क्रोमोसोम असामान्यताएं।
  • ट्यूबलर स्केलेरोसिस (एक आनुवंशिक स्थिति)
  • क्रिप्टोजेनिक वेस्ट सिंड्रोम शब्द का उपयोग तब किया जाता है जब सिंड्रोम के कारण की पहचान नहीं की जा सकती है।

वेस्ट सिंड्रोम का इलाज क्या है?

वेस्ट सिंड्रोम होने के कई कारण हैं और उपचार कारण पर आधारित होते हैं। हालांकि वेस्ट सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है, केवल इसके लक्षणों को कम करने के लिए उपचार किया जा सकता है। आमतौर इसके उपचार के लिए प्रेडनिसोलोन और एक एंटी-मिरगी दवा हैं। हालांकि कुछ लोगों दिमाग की सर्जरी कर इसके लक्षणों को क किया जाता है।

 

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